इलाज के लिए दौड़ते रहे परिजन, रास्ते में तोड़ा दम
गिरीडीह जिले के बिरनी प्रखंड अंतर्गत विशनपुर भलुआ गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। सोमवार की रात करीब 11 बजे एक करैत सांप ने घर में सो रही पांच वर्षीय बच्ची को डस लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। बच्ची अपनी मां के साथ पलंग पर सो रही थी कि अचानक वह बेचैन होकर उठी। मां ने घबराकर लाइट जलाया और देखा कि बच्ची की हालत बिगड़ रही है। जैसे ही उसने पलंग के नीचे नजर डाली, एक जहरीला करैत सांप रेंगता नजर आया। इस भयावह दृश्य के बाद पूरे घर में अफरा-तफरी मच गई।
परिजन तुरंत बच्ची को लेकर झाड़-फूंक करवाने के बाद गिरीडीह सदर अस्पताल पहुंचे। लेकिन बच्ची की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। डॉक्टरों ने उसे धनबाद रेफर कर दिया। परिजन बच्ची को लेकर धनबाद के लिए रवाना हुए, लेकिन दुर्भाग्यवश बच्ची ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इस दर्दनाक हादसे के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मासूम की मौत ने गांव में मातम पसरा दिया है और पूरे इलाके में शोक का माहौल है।
परिजनों का आरोप है कि सदर अस्पताल में इलाज में घोर लापरवाही की गई। उनका कहना है कि जब भी कोई सर्पदंश की घटना होती है, तो मरीज को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल दौड़ाया जाता है। प्राथमिक इलाज की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर नहीं है। सरकार और प्रशासन द्वारा दावा किया जाता है कि हर स्वास्थ्य केंद्र पर ज़रूरी दवाएं और सुविधा उपलब्ध है, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। परिजनों का कहना है कि अगर समय पर सही इलाज मिलता तो बच्ची की जान बच सकती थी।
गौरतलब है कि कुछ ही सप्ताह पहले इसी प्रखंड के बरोटांड़ गांव में एक युवक की भी जहरीले सांप के काटने से मौत हो गई थी। यह दूसरी बड़ी घटना है जिसने प्रशासनिक दावों की पोल खोल दी है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक लोग सर्पदंश जैसी घटनाओं में अपनों को खोते रहेंगे? कब सरकार इस गंभीर समस्या पर ध्यान देगी और स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों को सशक्त बनाएगी? यह हादसा न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि सिस्टम की नाकामी का भी करारा सबूत है।



