महाराष्ट्र में ‘मराठी बनाम हिंदी’ विवाद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के ‘पटक-पटक कर मारेंगे’ वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। राज ठाकरे ने कहा कि एक भाजपा सांसद ने कहा था कि हम मराठी लोगों को यहां पर पटक-पटक कर मारेंगे। मैं दुबे को बोलता हूं, तुम मुंबई में आ जाओ, मुंबई के समंदर में डुबो-डुबोकर मारेंगे। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने यहां मराठी का अपमान किया तो उसके गाल और हमारे हाथ की ‘युति’ जरूर होकर रहेगी। राज ठाकरे ने आगे कहा, “मुंबई के मीरा रोड में जो कुछ हुआ, जिसे पीटा गया, वो सही हुआ। उसे महाराष्ट्र स्टाइल में जवाब दिया गया। महाराष्ट्र में रह रहे हो, शांति से रहो, मराठी सीखो। हमारा तुमसे कोई झगड़ा नहीं है, लेकिन अगर मस्ती करोगे तो महाराष्ट्र स्टाइल में समझा देंगे।” राज ठाकरे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा और कहा कि अब जाकर सरकार को समझ आया है। पहली से पांचवीं तक हिंदी को अनिवार्य करने की कोशिश करके तो दिखाओ। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हिंदी के लिए झगड़ रहे हैं। सारे स्कूल में मराठी अनिवार्य करनी चाहिए, लेकिन ये लोग सब छोड़कर हिंदी को अनिवार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ गुजराती नेताओं और व्यापारियों का प्लान था कि मुंबई और महाराष्ट्र में भेदभाव लाया जाए। सरदार वल्लभभाई पटेल ने कहा था कि मुंबई और महाराष्ट्र को अलग मत करना। कई सालों से इनकी नजर मुंबई पर है। हमारी परीक्षा ले रहे हैं। यह सबने देख लिया है कि हिंदी थोपी तो महाराष्ट्र कैसा विरोध करेगा। मनसे सुप्रीमो ने कहा कि 28 सितंबर 2018 को गुजरात के हिम्मतनगर में 14 महीने की बच्ची के साथ रेप हुआ था। उसके बाद बिहार के लोगों के साथ मारपीट की गई और करीब 20,000 लोगों को गुजरात से बिहार भेज दिया गया था। दूसरे राज्य में लोगों को मारेंगे, पीटेंगे, वहां आने नहीं देंगे, और यहां अगर किसी दुकानदार को थप्पड़ पड़ गया तो वो नेशनल हेडलाइन बन जाती है। मराठी भाषा का ढाई से तीन हजार साल का इतिहास है। उन्होंने कहा कि हमने पीएम मोदी से कहा था कि वह मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दें। इसके लिए कम से कम 1500 साल का इतिहास चाहिए। यानी हिंदी को अभिजात भाषा का दर्जा मिलने में अभी भी 1200 साल लगेंगे। हिंदी पूरे देश में किसी की मातृभाषा नहीं है। हिंदी मिलाकर बनाई गई एक 200 साल पुरानी भाषा है। हिंदी ने अब तक 250 से ज्यादा भाषाओं को खा लिया है। राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में जितने भी नेता हैं, उन सबसे अच्छी हिंदी मेरी है। मैं यहां कोई भाषा विवाद करने नहीं आया हूं। सतर्क रहिए, आपके साथ कुछ भी हो सकता है। मैं हिंदू हूं, लेकिन हिंदी मुझ पर थोपी नहीं जा सकती। इस प्रांत पर किसी का अधिकार है तो वह हमारा है। उन्होंने कहा कि तुम्हारी सरकार लोकसभा और विधानसभा में रहेगी, हमारी सरकार रास्ते पर रहेगी। अगर किसी ने मराठी भाषा की इज्जत नहीं की तो उसके हम गाल और हाथ दोनों लाल करेंगे। यहां जो गैर मराठी लोग रहते हैं, उनको यही बोलूंगा कि जल्द से जल्द मराठी बोलना सीख लो। आप कहीं भी जाएं, चाहे रिक्शा, ऑफिस या दुकान हमेशा मराठी में ही बात करिए। –आईएएनएस डीकेपी/एएस



