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‘सामना’ में मुंबई के लिए किया गया आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल, राम कदम बोले-‘उद्धव ने किया अपमान, मागें माफी

शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में मुंबई के लिए बेहद ‘आपत्तिजनक शब्द’ का इस्तेमाल किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक राम कदम ने इस पर सख्त ऐतराज जताया है। आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि मुंबई के लिए गलत शब्द का इस्तेमाल मां मुंबा देवी का अपमान है। उद्धव गुट को माफी मांगनी पड़ेगी। उन्होंने इसे मुंबई और मां मुंबा देवी का घोर अपमान बताते हुए उद्धव गुट के नेताओं पर मानसिक संतुलन खोने का आरोप लगाया। कदम ने कहा, “उद्धव गुट की मति भ्रष्ट हो चुकी है। ‘सामना’ का संपादकीय बेहद अपमानजनक और शर्मनाक है। मुंबई के लिए कहे गए आपत्तिजनक शब्द मर्यादा का उल्लंघन हैं। यह मां मुंबा देवी का अपमान है। उद्धव गुट को नाक रगड़कर मुंबई और मुंबा देवी से माफी मांगनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि पहले यह गुट महाराष्ट्र को मुंबई से अलग करने की बात करता था, और अब ऐसी भाषा से उनका ‘मानसिक दिवालियापन’ उजागर हो रहा है। कदम ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि उद्धव गुट के नेताओं को अब ‘साइकियाट्रिक उपचार’ की जरूरत है। दरअसल, रविवार के संपादकीय में उद्धव ठाकरे ने मराठी मानुष, भाषा विवाद जैसे मुद्दों पर अपनी पार्टी की राय रखी। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर कई वार किए और आरोप लगाया कि वो मुंबई पर दूसरे राज्यों के धनाढ्यों के जरिए राज करना चाहती है। इसी पंक्ति में उन्होंने आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया है। महाराष्ट्र की राजनीति के साथ ही कदम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों पर भी बात की। कदम ने प्रधानमंत्री मोदी के हालिया ऐलान की सराहना की, जिसमें 51,000 युवाओं को रेलवे में नौकरी प्रदान की गई। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक कर्मठ और समर्पित नेता हैं, जिन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर देश के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने तक एक भी छुट्टी नहीं ली। यह विश्व रिकॉर्ड जैसा है। 51,000 युवाओं को एक ही दिन में रेलवे में रोजगार मिलना उनके अथक परिश्रम का परिणाम है।” कदम ने मोदी को ‘ईश्वरीय पुरुष’ बताते हुए उनके लिए 125 वर्ष की दीर्घायु और 25 वर्ष तक देश के नेतृत्व की कामना की। साथ ही, कदम ने उज्ज्वल निकम के राज्यसभा के लिए नामित होने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “भाजपा देश के लिए ‘हीरे’ ढूंढ़ती है, और उज्ज्वल निकम इसका उत्कृष्ट उदाहरण हैं। निकम ने आतंकवादी कसाब को फांसी की सजा दिलाकर देश की सेवा की। एक उत्कृष्ट वकील के रूप में, वे कानून निर्माण में मूल्यवान योगदान देंगे।” –आईएएनएस वीकेयू/केआर

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