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एलआईसी कर्मियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल, निजीकरण और श्रमिक अधिकारों के खिलाफ बुलंद आवाज

एलआईसी कर्मियों ने 10 केंद्रीय श्रम संगठनों और अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के आवाहन पर एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल की, जिसका उद्देश्य केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों, विशेष रूप से सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और श्रमिक अधिकारों पर हो रहे हमलों का विरोध करना था। गिरिडीह शाखा में इस हड़ताल का नेतृत्व शाखा अध्यक्ष संजय शर्मा और सचिव धर्म प्रकाश ने किया।

इस आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा, भाकपा माले, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल समेत कई राजनीतिक संगठनों ने नैतिक समर्थन दिया। धर्म प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार एलआईसी की 6.30% हिस्सेदारी बेचने को तत्पर है और संसद में एलआईसी एक्ट समेत कई विधेयकों में संशोधन लाने की तैयारी कर रही है।

बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने की मंशा, बैंक व बीमा कंपनियों के निजीकरण और कर्मचारियों की भर्ती में रुकावट, सभी ने कर्मचारियों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर किया। एलआईसी में वर्ग 3 और 4 की रिक्तियों को भरने की मांग, न्यूनतम वेतन ₹26,000 तय करने, पुरानी पेंशन नीति की बहाली और 4 श्रम कोड समाप्त कर 29 पुराने कानूनों को लागू करने जैसी प्रमुख मांगें इस हड़ताल में उठाई गईं। कार्यक्रम में अनुराग मुर्मू, प्रवीण कुमार हंसदा, विजय कुमार, कुमकुम वर्मा, उमानाथ झा, श्वेता कुमारी, अंशु कुमारी, संहिता सरकार, डेनियल मरांडी, माहेश्वरी वर्मा सहित कई कर्मचारी शामिल रहे।

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