गिरिडीह जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहां धनबाद सीबीआई की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कल्याणडीह स्थित आरएसईटीआई (ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान) के डायरेक्टर और बैंक ऑफ इंडिया के सीनियर मैनेजर अभिषेक कमल को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह रिश्वत संस्थान के कैंटीन संचालक से मांगी गई थी। शिकायत मिलने पर सीबीआई ने योजना बनाकर जाल बिछाया और जैसे ही रिश्वत की राशि दी गई, मौके पर ही अभिषेक कमल को पकड़ लिया गया। इस कार्रवाई की पुष्टि धनबाद सीबीआई के एसपी पीके झा ने की है।
सीबीआई एसपी पीके झा ने बताया कि कैंटीन संचालक ने आरएसईटीआई डायरेक्टर के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि संस्थान के अंदर कैंटीन संचालन की अनुमति देने के बदले डायरेक्टर लगातार घूस की मांग कर रहा है। सीबीआई को जैसे ही शिकायत मिली, उन्होंने प्राथमिक जांच शुरू की। जांच में यह बात सामने आई कि डायरेक्टर और संचालक के बीच 20 हजार रुपये की घूस की डील तय हुई थी। इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और शुक्रवार को तय रकम दिए जाने के समय अभिषेक कमल को रंगेहाथ धर दबोचा।
गिरफ्तार किए गए अभिषेक कमल झारखंड के हजारीबाग जिले के निवासी हैं। सीबीआई ने उन्हें गिरिडीह से हिरासत में लेने के बाद मामले की जांच को आगे बढ़ाया है। जांच की जिम्मेदारी अब रांची सीबीआई को सौंप दी गई है, क्योंकि हजारीबाग रांची के नजदीक है। रांची सीबीआई टीम अब उनके आवास पर भी जांच कर रही है ताकि इस घोटाले से जुड़े अन्य दस्तावेज या साक्ष्य जुटाए जा सकें। फिलहाल अभिषेक कमल की गिरफ्तारी के बाद आरएसईटीआई की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
गौरतलब है कि आरएसईटीआई (RSETI) एक सरकारी प्रशिक्षण संस्थान है, जिसे ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाने के उद्देश्य से चलाया जाता है। इस संस्थान का प्रबंधन संबंधित बैंक के जिम्मे होता है और यह ग्रामीण विकास मंत्रालय व राज्य सरकार द्वारा संचालित होता है। यहां युवाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण, उद्यमिता कौशल और आजीविका बढ़ाने की दिशा में सहयोग दिया जाता है। ऐसे संस्थान में भ्रष्टाचार का उजागर होना न केवल चिंता का विषय है, बल्कि ग्रामीणों के विश्वास और अवसरों पर भी सीधा असर डालता है।



