जमुआ प्रखंड में 12 जून की शाम एक नाबालिग जोड़ी की गांव की भीड़ द्वारा जबरन कराई गई शादी की घटना पर जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) और बाल विवाह मुक्त भारत अभियान ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। इस मामले में बाल अधिकार कार्यकर्ता किशन रजक ने प्रखंड विकास पदाधिकारी सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी को पत्र लिखकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी।
निर्देश के बाद नवडीहा ओपी द्वारा जांच कर बाल कल्याण समिति गिरिडीह के समक्ष नाबालिग जोड़े को प्रस्तुत किया गया। जेआरसी से जुड़े सुरेश कुमार शक्ति ने इस कृत्य को समाज में भीड़ के खतरनाक रुख का प्रतीक बताया और बाल विवाह निषेध अधिनियम, पोक्सो एक्ट और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की मांग की, क्योंकि इस घटना का वीडियो भी वायरल किया गया जिससे बच्चों की निजता का हनन हुआ है।



