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‘भारतीय संस्कृति की प्रेरणा से यहां आया हूं’, रामलला के दर्शन के बाद बोले एरोल मस्क

दुनिया के प्रसिद्ध कारोबारी एलन मस्क के पिता एरोल मस्क बुधवार को अपनी बेटी के साथ उत्तर प्रदेश के अयोध्या पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन किए। दर्शन-पूजन के बाद वह काफी भाव-विभोर दिखे। उन्होंने कहा कि वह भारतीय संस्कृति से अच्छी तरह परिचित हैं और उसी से प्रेरित होकर यहां आए हैं।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अंगवस्त्र और प्रसाद देकर एरोल मस्क का स्वागत किया। वह राम मंदिर परिसर में करीब 40 मिनट तक मौजूद रहे।

पहली बार धार्मिक यात्रा पर अयोध्या पहुंचे एरोल मस्क ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारत को बेहतरीन देश बताते हुए कहा कि आने वाले समय में भी अमेरिका और भारत के संबंध अच्छे रहेंगे। भारतीय संस्कृति के बारे में किए गए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, “मैं भारतीय संस्कृति को अच्छी तरह से जानता और समझता हूं, क्योंकि हमारे देश में भारतीय लोगों की एक बड़ी संख्या मौजूद है। मैं भारतीय संस्कृति से परिचित हूं और उसकी प्रेरणा से मैं यहां पहुंचा हूं। यहां के लोग बहुत ही दयालु और अच्छे हैं।”

उन्होंने कहा कि भारत में व्यवसाय को लेकर उनकी योजनाएं हैं और उसके लिए वह धीरे-धीरे तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय बहुत ही उदार और मानवता से परिपूर्ण होते हैं। भारतीयों से मिलने पर ऐसा लगता है कि जैसे वे विश्व के सबसे अच्छे व्यावहारिक व्यक्तित्व वाले हैं।

इस मौके पर पुजारी ने जब एरोल मस्क और उनकी बेटी सहित सभी सहयोगियों को रामनामी पहनाई तो सभी भाव-विभोर हो गए। उनके साथ अयोध्या यात्रा में मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा भी मौजूद थे। उन्होंने एरोल मस्क के कार्यक्रमों और उनके भारत प्रवास के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी।

रामलला के दर्शन के बाद एरोल मस्क ने हनुमानगढ़ी के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि यहां आकर वह दैवीय आनंद की अनुभूति कर रहे हैं, “जिसे मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता”।

उन्होंने कहा कि भारत की मौजूदा स्थिति देखकर लग रहा है कि आने वाले दिनों में कई कंपनियां स्थापित की जा सकती हैं और वह इसके बारे में सोच रहे हैं।

एरोल मस्क ने कहा कि यहां के मंदिर भी बहुत अद्भुत हैं। वह इससे पहले भी भारत आ चुके हैं। एक इलेक्ट्रिक इंजीनियर के रूप में उन्होंने यहां काम करना शुरू किया था।

–आईएएनएस

विकेटी/एसएचके/एकेजे

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