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नोएडा में ओवरलोड वाहनों पर सख्त कार्रवाई, अब तक 1.48 करोड़ रुपए की वसूली

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर गौतमबुद्ध नगर में ओवरलोड वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग सख्त कार्रवाई कर रहा है। इसी क्रम में मई में परिवहन विभाग ने 146 ओवरलोड वाहनों को चिह्नित कर उनका चालान किया और उन्हें बादलपुर व सेक्टर-62 में जब्त किया गया। इस दौरान कुल 70 लाख 40 हजार रुपए का चालान शुल्क वसूला गया।

संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) डॉ. उदित नारायण पांडेय ने बताया कि अब तक कुल 266 ओवरलोड वाहनों से 1 करोड़ 48 लाख का जुर्माना वसूला जा चुका है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है। यह कार्रवाई ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने के उद्देश्य से की जा रही है।

डॉ. पांडेय ने ट्रक, मिनी ट्रक संचालकों व चालकों को चेतावनी देते हुए कहा कि ओवरलोडिंग न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यह जानमाल और पर्यावरण दोनों के लिए घातक है।

उन्होंने ओवरलोडिंग के खतरों को विस्तार से समझाते हुए बताया कि ओवरलोडिंग करने से सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ती है। अधिक भार से वाहन का संतुलन बिगड़ता है, जिससे ब्रेक फेल होना, टायर फटना या वाहन पलटने जैसी दुर्घटनाएं हो सकती हैं।

इसके साथ ही, वाहन की आयु घटती है। इंजन, सस्पेंशन, ब्रेक और टायर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे वाहन जल्दी खराब हो जाता है। भारी वाहनों से सड़कों पर गड्ढे व दरारें बनती हैं, जिससे सरकार को बार-बार मरम्मत करनी पड़ती है। ईंधन की खपत बढ़ती है। अधिक भार के कारण ईंधन ज्यादा खर्च होता है, जिससे परिवहन लागत और प्रदूषण दोनों बढ़ते हैं।

वहीं, मोटर वाहन अधिनियम के तहत ओवरलोडिंग पर 20,000 जुर्माना और 2,000 प्रति टन का अतिरिक्त शुल्क लगता है, साथ ही वाहन जब्ती और परमिट/लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई भी की जा सकती है। ओवरलोडेड वाहन धीमी गति से चलते हैं और बार-बार खराब होते हैं, जिससे समय की बर्बादी होती है।

डॉ. पांडेय ने सभी वाहन मालिकों व चालकों से अपील की है कि वे अपने वाहनों की निर्धारित क्षमता का पालन करें और ओवरलोडिंग से परहेज करें। यह न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि सड़क, वाहन और पर्यावरण की भी रक्षा करेगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/डीएससी

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