हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व होता है, जो इस वर्ष सोमवार, 26 मई को मनाया जाएगा। यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को रखा जाता है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की दीर्घायु, अच्छे स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए निर्जल व्रत रखती हैं और वट वृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा विधिपूर्वक करती हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस पाया था। व्रत के दिन महिलाएं पारंपरिक वस्त्रों और श्रृंगार में वट वृक्ष की परिक्रमा कर पूजा अर्चना करती हैं। अमावस्या तिथि पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 26 मई को सुबह 8:52 से 11:35 बजे तक या अभिजित मुहूर्त में 11:51 से 12:46 बजे तक उत्तम रहेगा।



