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अक्षय तृतीया पर धर्मगुरुओं की पहल – बाल विवाह पर लगेगा लगाम!

गिरिडीह जिले में अक्षय तृतीया के मौके पर बाल विवाह रोकने के लिए धर्मगुरुओं के साथ मिलकर एक अनूठा जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। बनवासी विकास आश्रम और जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (JRC) के संयुक्त प्रयासों से अब मंदिर, मस्जिद और चर्चों में खुले तौर पर यह एलान किया जा रहा है कि यहां बाल विवाह की अनुमति नहीं दी जाएगी। संगठन ने पंडितों, मौलवियों और पादरियों को बाल विवाह निषेध अधिनियम (PCMA 2006) और पॉक्सो कानून की जानकारी देकर उन्हें इस सामाजिक अपराध के खिलाफ सशक्त किया है। इस पहल से उम्मीद जताई गई है कि इस अक्षय तृतीया पर जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होगा।

JRC का यह प्रयास ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ के 2030 के लक्ष्य की ओर एक अहम कदम है, जिसने अब तक 2 लाख से अधिक बाल विवाह रुकवाए और 5 करोड़ लोगों को शपथ दिलाई है। गिरिडीह में 565 मामलों में परिवारों से लिखित सहमति लेकर विवाह रोके गए हैं और 5 FIR भी दर्ज हुई हैं। संस्था के समन्वयक उत्तम कुमार ने बताया कि शादी के आयोजन से जुड़ा हर व्यक्ति – चाहे वो बैंड वाला हो या हलवाई, कानून की नजर में दोषी हो सकता है। धर्मगुरुओं के सक्रिय समर्थन से यह अभियान अब जन-आंदोलन बनता जा रहा है, जो दिखाता है कि जब समाज और धर्म एकजुट हों, तो बदलाव संभव है।

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