“क्या एक ट्वीट से छिड़ सकती है जंग? क्या सोशल मीडिया पर लिखे शब्द एक देश की सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं? ये सवाल अब महज़ कल्पना नहीं, बल्कि सच्चाई बन चुके हैं… जब भारत सरकार ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के खिलाफ बड़ा डिजिटल एक्शन लिया। उस धमकी ने न सिर्फ रिश्तों में दरार पैदा की, बल्कि दोनों देशों को युद्ध की दहलीज पर ला खड़ा किया। और फिर… भारत ने किया वो, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी!”
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ऐसा बयान दिया, जिसने पूरे दक्षिण एशिया को हिला कर रख दिया। उन्होंने खुलेआम कहा कि अगर पाकिस्तान के अस्तित्व को खतरा हुआ तो वो परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकेंगे। यह बयान किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं, बल्कि ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर दिया गया – एक ऐसा मंच जिसे दुनिया की सरकारें सार्वजनिक घोषणाओं के लिए इस्तेमाल करती हैं। लेकिन इस बार, सोशल मीडिया एक युद्ध का औज़ार बन गया। भारत सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए ख्वाजा आसिफ का ‘एक्स’ अकाउंट भारत में पूरी तरह से बैन कर दिया। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया – यह साफ संदेश है कि भारत अब किसी भी प्रकार की धमकी या उकसावे को बर्दाश्त नहीं करेगा।
भारत का ये डिजिटल स्ट्राइक सिर्फ ख्वाजा आसिफ तक सीमित नहीं रहा। इससे पहले भी भारत सरकार ने पाकिस्तान के कई यूट्यूब चैनलों को बैन किया था। इन चैनलों पर भारतीय सेना और एजेंसियों के खिलाफ भ्रामक व भड़काऊ सामग्री फैलाने का आरोप है। इनमें डॉन न्यूज, जियो न्यूज, एआरवाई और समा टीवी जैसे बड़े चैनल शामिल हैं, जो लगातार भारत-विरोधी प्रचार चला रहे थे। इन चैनलों की सामग्री से भारत में सांप्रदायिक तनाव और भ्रम की स्थिति पैदा हो रही थी। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर भारत सरकार ने इन सभी चैनलों को प्रतिबंधित कर दिया है। यह कदम डिजिटल युद्ध की रणनीति का हिस्सा है, जिससे भारत अब साइबर मोर्चे पर भी पूरी तरह सतर्क दिख रहा है।
ख्वाजा आसिफ की परमाणु धमकी और आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक स्तर पर भी सख्त रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का बड़ा फैसला लिया गया है। भारत अब पाकिस्तान को पानी की ताकत से जवाब देने की तैयारी में है। यह संदेश स्पष्ट है – जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता रहेगा, भारत उसके साथ किसी भी प्रकार का समझौता या सहयोग नहीं करेगा। यह रणनीति भारत की विदेश नीति में एक नया और आक्रामक मोड़ दर्शाती है।
भारत सरकार का यह सख्त कदम केवल पाकिस्तान के लिए नहीं, बल्कि दुनिया भर के उन देशों के लिए भी चेतावनी है जो आतंकवाद को समर्थन देकर क्षेत्रीय शांति से खिलवाड़ करते हैं। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी स्तर पर जाकर जवाब देगा – चाहे वह कूटनीतिक हो, सैन्य हो या डिजिटल। ऐसे समय में, जब सोशल मीडिया भी अब एक हथियार बन चुका है, भारत का यह एक्शन उदाहरण बन सकता है। पाकिस्तान के मंत्री का अकाउंट बैन करना एक प्रतीकात्मक कदम नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश है कि भारत अब आक्रामकता को चुपचाप सहन नहीं करेगा।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि नया भारत अब ‘मौन’ नहीं रहेगा। पाकिस्तान की ओर से बार-बार दी जा रही धमकियों और आतंकी हमलों के जवाब में भारत अब डिजिटल, कूटनीतिक और सामरिक – तीनों स्तरों पर जवाब देने की स्थिति में है। सोशल मीडिया हो या सिंधु नदी की धाराएं – अब हर माध्यम भारत की सुरक्षा नीति का हिस्सा हैं। ख्वाजा आसिफ का अकाउंट बैन करना केवल एक मंत्री की आवाज़ को बंद करना नहीं है, यह उस सोच को चुनौती देना है जो आतंक को राजनीति का औज़ार मानती है। भारत अब हर मोर्चे पर तैयार है – और यही है आज के भारत की असली तस्वीर।



