गिरिडीह जिले के पचंबा थाना क्षेत्र में एक शांत सुबह तब दहशत में बदल गई जब मारवाड़ी मोहल्ला स्थित खुशी मार्ट से अचानक धुएं और आग की भयंकर लपटें उठने लगीं। एक तरफ लोग बाजार की रोजमर्रा की चहल-पहल में मशगूल थे, दूसरी तरफ इसी बाजार में कुछ ही पलों में मातम पसर गया। इस भीषण आग में 45 वर्षीय मां संगीता डालमिया और उनकी 22 साल की बेटी खुशी डालमिया की जिंदा जलकर मौत हो गई। खुशी, जो सीए की पढ़ाई कर रही थी, उस समय घर में ही मौजूद थी। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि लोगों को बचाव के लिए कुछ सोचने तक का वक्त नहीं मिला।
घटना की भयावहता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आग लगने के पांच घंटे बाद तक भी उस पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका। दिनेश डालमिया के इस दुकान兼घर में आग की लपटें इतनी तेजी से फैलीं कि आस-पास के मकान भी खतरे में आ गए। मौके पर पहुंची दमकल की टीमों को भी आग बुझाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। कोडरमा और धनबाद से भी दमकल की गाड़ियां बुलानी पड़ीं। घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई, चार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, लेकिन मां-बेटी की जान नहीं बचाई जा सकी।
जैसे ही आग लगने की खबर पचंबा थाना पहुंची, मौके पर पुलिस और प्रशासन की टीमें तुरंत रवाना हो गईं। डीएसपी कौसर अली, एसडीएम यशवंत श्रीकांत वीसूपते और थाना प्रभारी राजीव कुमार खुद राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं। अग्निशमन विभाग और स्थानीय लोग मिलकर आग बुझाने और अंदर फंसे लोगों को निकालने में जुटे रहे। रेस्क्यू ऑपरेशन को आग की भयावहता के कारण बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। एक दमकल की पानी की टंकी खत्म हो गई, दूसरी गाड़ी से प्रयास जारी हैं।
खुशी मार्ट में रखे सारे कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य कीमती सामान पूरी तरह से जलकर राख हो गए हैं। दुकान के भीतर मौजूद महंगी सामग्री अब सिर्फ काले कोयले के ढेर में तब्दील हो चुकी है। स्थानीय लोग जिन्होंने अपनी आंखों के सामने यह सब होते देखा, अभी भी सदमे में हैं। मां-बेटी की चीखें इस आग में कहीं गुम हो गईं, और उनके साथ ही एक पूरा परिवार, एक सपना और एक भविष्य भी खाक हो गया।



