गिरिडीह आराधना के दौरान रेव्ह. सन्नी दास ने बताया कि खजुर इतवार उस दिन की स्मृति है जब ईसा मसीह यरूशलेम आए थे और लोगों ने खजूर की डालियों व वस्त्र बिछाकर उनका स्वागत किया था।
उन्होंने 1 तीमुथियुस 2:5 का हवाला देते हुए मसीह यीशु को परमेश्वर और मनुष्य के बीच एकमात्र मध्यस्थ बताया। कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और चर्च की सजावट व आयोजन में पीसीवाइएफ युवाओं, महिला समिति व शिक्षकों का विशेष योगदान रहा।



