गिरिडीह : जीवनदायिनी उसरी नदी के संरक्षण को लेकर छिलका डेम का इंतजार लंबा होता जा रहा है। समाजसेवी और माले नेता राजेश सिन्हा ने चेतावनी दी है कि यदि मार्च के अंतिम दिन तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो नदी में टेंट लगाकर अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा।
पिछले दस वर्षों से चल रहे उसरी बचाव अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रमों के बावजूद, नदी की स्थिति बिगड़ती जा रही है—गंदगी, अवैध बालू खनन और शहरी कचरे ने इसे प्रदूषित कर दिया है। प्रशासनिक अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के प्रयासों से छिलका डेम निर्माण और 4,000 पौधारोपण की योजनाएं बनी हैं, लेकिन अब तक ठोस क्रियान्वयन नहीं हुआ। सिन्हा ने जनता से अपील की कि वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति उदासीन न रहें, अन्यथा गिरिडीह की यह ऐतिहासिक नदी भी हरमू नदी की तरह नाले में तब्दील हो जाएगी।



