गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड में शिक्षा व्यवस्था का हाल बदहाल है। एक स्कूल की पड़ताल में चौकाने वाला नज़ारा सामने आया—ना शिक्षक, ना छात्र, और ना ही मिड-डे मील बनाने वाली रसोइया! हद तो तब हो गई जब देखा गया कि शिक्षकों की गैरमौजूदगी में निजी लोग स्कूल के कार्यालय में सीमेंट रख रहे थे। सहायक शिक्षक को जब खबर लगी तो वह आनन-फानन में स्कूल पहुंचे, मगर कुछ मिनट बाद ही फिर गायब हो गए।
बच्चों को पीने के लिए साफ पानी तक नसीब नहीं, मजबूरी में उन्हें नदी का गंदा पानी पीना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग की अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रमुख रामु बैठा ने कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं, जबकि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अशोक कुमार ने जाँच का आश्वासन दिया है। क्या शिक्षा विभाग अब भी सोता रहेगा?



