गिरिडीह : गिरिडीह में आज एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिला. एक और जंहा ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए गांव के प्रबुद्ध लोगों के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाता है तो दूसरी और गांव में कुछ ऐसे भी लोग रहते है जो बच्चों को शिक्षित करने के बजाय उनके विकास में बाधा पहुंचाने का काम करते है. कुछ ऐसा ही एक मामला जमुआ प्रखंड़ के गोरों गांव से सामने आया है. दरअसल जमुआ प्रखंड के गोरों गांव में पिछले दस वर्ष पूर्व प्लस टू उच्च विद्यालय शहरपूरा का निर्माण कराय गया है. विद्यालय तक जाने के लिए 15 वी वित्त योजना से मुख्य सड़क पर फेवरब्लॉक भी लगाया गया है ताकि स्कुल जाने में बच्चों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो. हर दिन की तरह आज भी स्कूल के शिक्षक और बच्चे स्कूल जाने के लिए ताई समय पर पहुंचे थे. लेकिन इसी दौरान जब बच्चे स्कूल के करीब पहुंचने ही वाले थे, तो देखा की मुख्य सड़क पर बस के बैरियर से पूरे रास्ते को ब्लॉक कर दिया गया था. ऐसे में बच्चे स्कूल के भवन तक नहीं पहुंच पा रहे थे. ऐसे में जब स्कुल के प्रधानाध्यापक अमित कुमार त्रिपाठी ने गांव के कुछ प्रबुद्ध लोगों से बातचीत कर इस मामले की जानकारी दी तो गांव के लोगों ने रास्ता अवरुद्ध करने वाले लोगों से बातचीत भी की लेकिन जिन लोगों रास्ता को बंद किया है उनका कहना है की जिस जमीन पर सड़क का निर्माण कराया गया है वह जमीन उनलोगों की है, इसलिए रास्ता को बंद कर दिया गया है. इधर जब बात नहीं बनी तो प्रधानाध्यापक ने स्कुल के बगल में ही खेत में बच्चों की पढ़ाई करनी शुरु कर दी. उन्होंने बताया को इस मामले की जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी, बीड़ीओ, थाना प्रभारी समेत अन्य पदाधिकारियों को दे दी गई है. इधर मामला की जानकारी मिलने के बाद अंचलाधिकारी संजय पाण्डेय के नेतृत्व अधिकारियों की टीम पुलिस प्रसाशन के साथ मौक़े पर पहुंच कर सबसे पहले रास्ते को खाली कराया गया और फिर रास्ते को बंद करने वाले रोहन महतो व उनके परिवार के सदस्यों को कड़ी फटकार लगाते हुए आगे से इस तरह की हरकत कभी नहीं करने का सख्त निर्देश दिया



