झारखंड सरकार और केंद्र सरकार के बीच 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि को लेकर तनाव बढ़ गया है। राज्य सरकार ने कोयले की रॉयल्टी और खनन के लिए अधिग्रहित भूमि के बदले यह राशि मांगी है। इस मुद्दे ने तूल तब पकड़ा जब पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव के संसद में सवाल करने पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने ऐसी किसी भी राशि के बकाया होने से इनकार किया। इसके बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस राशि को राज्य के विकास के लिए आवश्यक बताते हुए बीजेपी सांसदों से समर्थन मांगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मांग को जायज ठहराया और कोयला कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी की है। वहीं, बीजेपी ने पलटवार करते हुए झामुमो पर आंकड़ों में हेरफेर और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। झारखंड बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राज्य सरकार से इस दावे का स्पष्ट ब्यौरा देने और यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान बकाया राशि का हिसाब मांगा।



