फायर स्टेशन का निरीक्षण कर हुए संतुष्ट
गिरिडीह :हजारीबाग डीआईजी सुनील भास्कर गुरुवार को गिरिडीह पहुंचे। इस दौरान डीआईजी को सलामी दिया गया। मौके पर एसपी डॉक्टर विमल कुमार भी मौजूद थे। इसके बाद दोनों अधिकारियों ने पहले अग्नि शमन कार्यालय का निरीक्षण किया। हालाकि निरीक्षण सिर्फ 15 मिनट का रहा। और इसी 15 मिनट में डीआईजी और एसपी ने वहा खड़ी अग्नि शमन की गाड़ियों के हालत को देखा, कि उनके पास आग लगने के दौरान त्वरित राहत पाने को लेकर क्या ठोस उपाय और उनसे निपटने के उपकरण मौजूद हैं। वहां गाड़ियों के हालत देखने के बाद डीआईजी ने कुछ निर्देश दिए। उसके बाद दोनों अधिकारी सिविल कोर्ट पहुंचे।
कोर्ट में देखा सुरक्षा व्यवस्था मैं लापरवाही
इस दौरान डीआईजी ने सबसे पहले गेट नंबर एक का जायजा लिया। जहा से न्यायिक अधिकारीयों का आना जाना होता है। सीसीटीवी कैमरे को देखा। डीआईजी ने मेजर सन्नी कुमार से जानकारी ली, तो मेजर सन्नी कुमार के पास कुछ जानकारी था, जबकि सुरक्षा को लेकर कई जानकारी का अभाव भी दिखा। इसके बाद डीआईजी और एसपी दोनो गेट नंबर 2 में गए, तो गेट नंबर दो में एक महिला सिपाही को देखने के बाद मेजर से पूछा। इस दौरान मेजर ने बताया कि इस गेट में महिला जवान के द्वारा ही मेटेल डिटेक्टर से जांच किया जाता है। यहां की महिला और पुरुष की जांच महिला सिपाही ही करती है। डीआईजी द्वारा पूछे जाने पर क्या उन्हें स्पेशल ब्रांच से ट्रेनिंग मिला है तो महिला जवान ने ट्रेनिंग मिलने की बात से इंकार कर दिया। इस पर डीआईजी ने नाराजगी जताई, और कड़े निर्देश देते हुए व्यस्था में सुधार कि बात कही। इसके बाद तीसरे गेट में जब डीआईजी और एसपी गेट नंबर तीन में गए, तो वहां कि सुरक्षा व्यवस्था में कई गड़बड़ देखा। और डीआईजी ने मौके पर सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया। वहीं डीआईजी और एसपी ने कोर्ट हजाट का भी हाल देखा। तो हाजत का हाल भी गुस्सा भड़काने वाला ही था। दोनो अधिकारी इस बीच पुराने समाहरणालय के भवन में संचालित अभियोजन सेंटर को भी देखा, और वहा के व्यस्था को देखा। इस दौरान थानों से आने वाले केस डायरी और चार्जशीट कि पूरी जानकारी ली।



