गिरिडीह के प्रतिष्ठित सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार को वार्षिक आपदा प्रबंधन कार्यक्रम के तहत एक फायर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और स्कूल स्टाफ को आपातकालीन स्थिति में अग्नि सुरक्षा और बचाव के व्यावहारिक तरीके सिखाना था। कार्यक्रम में अग्निशमन विभाग के अधिकारी रंजीत कुमार पांडेय और शशिभूषण सिंह की उपस्थिति रही, जिन्होंने छात्रों को आग बुझाने के यंत्रों के प्रयोग और प्राथमिक उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
ड्रिल के दौरान आग लगने की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया, सुरक्षित निकासी, एलपीजी सिलेंडर में आग लगने पर बचाव के उपाय, और शॉर्ट सर्किट जैसी दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के तरीके का लाइव डेमो किया गया। छात्रों को बताया गया कि किस तरह से सहज रूप से उपलब्ध वस्तुओं का उपयोग करके आग पर काबू पाया जा सकता है। अग्निशमन अधिकारियों ने यह भी समझाया कि आग लगने की स्थिति में घबराने की बजाय धैर्य से काम लेना चाहिए और तुरंत हेल्पलाइन नंबर 101 या 112 पर संपर्क करना चाहिए।
इस मॉक ड्रिल में विद्यालय के शिक्षकों, छात्रों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने न केवल सावधानीपूर्वक निर्देश सुने बल्कि स्वयं अग्निशमन यंत्र का उपयोग करके आग बुझाने का अभ्यास भी किया। कार्यक्रम के दौरान फायर सेफ्टी से जुड़े सभी पहलुओं को सरल और व्यावहारिक भाषा में समझाया गया, जिससे प्रतिभागी वास्तविक परिस्थितियों में बिना घबराए उचित कदम उठा सकें।
विद्यालय की प्राचार्या ममता शर्मा ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस प्रकार की ट्रेनिंग बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें जिम्मेदार नागरिक भी बनाती है। वहीं स्कूल के प्रबंध निदेशक जोरावर सलूजा ने अग्निशमन विभाग का आभार जताते हुए कहा कि इस तरह के अभ्यास विद्यार्थियों को न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार करते हैं। यह मॉक ड्रिल विद्यार्थियों के लिए एक शिक्षाप्रद अनुभव साबित हुई।



