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राष्ट्रपति मुर्मू ने देश के स्वच्छ शहरों को किया सम्मानित, इंदौर, सूरत और नवी मुंबई को शीर्ष रैंकिंग

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वच्छता में अव्वल आने वाले शहरों को सम्मानित किया है। गुरुवार को राष्ट्रपति ने नई दिल्ली में आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में ‘स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार’ प्रदान किए। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर 8वीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है। स्वच्छता रैंकिंग में सूरत और नवी मुंबई क्रमशः दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे हैं। इस बार 4 अलग-अलग श्रेणियों में कुल 78 पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुरस्कार हासिल करने वाले विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा, “आप सबने स्वच्छता के राष्ट्रीय महायज्ञ में अपना योगदान दिया है। मैं आप सबकी सराहना करती हूं। स्वच्छ सर्वेक्षण ने हमारे शहरों द्वारा स्वच्छता के लिए किए गए प्रयासों के मूल्यांकन और प्रोत्साहन के क्षेत्र में एक सफल प्रयोग के रूप में स्वयं को सिद्ध किया है।” राष्ट्रपति ने कहा कि यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा वर्ष 2024 के लिए दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न हितधारकों, राज्य सरकारों, शहरी निकायों और लगभग 14 करोड़ नागरिकों की भागीदारी रही। उन्होंने कहा, “स्वच्छता से संबंधित प्रयासों के आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक पहलू भी होते हैं।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी नागरिक पूरे समर्पण के साथ स्वच्छ भारत मिशन में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि यदि हम ठोस संकल्प लें तो 2047 तक विकसित भारत दुनिया के सबसे स्वच्छ देशों में से एक होगा। सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को लेकर मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सम्मान हासिल किया। कैलाश विजयवर्गीय ने खुशी जताते हुए कहा, “सुपर से ऊपर अपना मध्य प्रदेश।” उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में मध्य प्रदेश के नगरीय निकायों ने जो अद्वितीय कीर्तिमान स्थापित किया है, वह हर प्रदेशवासी के हृदय को गर्व से भर देने वाला है। स्वच्छ सुपर लीग में इंदौर ने जहां अपनी स्वच्छता साधना को फिर सिद्ध किया है, वहीं बाबा महाकाल की पावन नगरी उज्जैन तथा मां नर्मदा के निर्मल तट पर बसे बुधनी ने भी प्रशंसनीय स्थान अर्जित कर प्रदेश की गौरवगाथा को विस्तार दिया है। राजा भोज की नगरी भोपाल, देवास एवं शाहगंज ने भी विविध श्रेणियों में पुरस्कृत होकर यह प्रमाणित कर दिया कि स्वच्छता अब मध्य प्रदेश की आत्मा में रच-बस गई है।” उन्होंने कहा, “यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस स्वप्न का प्रतिफल है, जिसमें उन्होंने स्वच्छ भारत की चेतना जन-जन में जागृत की। मध्य प्रदेश इस पुनीत यज्ञ में अग्रणी बनकर देश को प्रेरणा दे रहा है।” उन्होंने कहा, “इस ऐतिहासिक सफलता के अवसर पर मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव का अभिनंदन करता हूं, जिनके दृढ़ संकल्प और कुशल नेतृत्व में प्रदेश ने स्वच्छता के क्षेत्र में नव-आकाश का स्पर्श किया है। स्वच्छता की यह यात्रा चलती रहे, प्रदेश यूं ही यश पताका फहराता रहे, इसी मंगल कामना के साथ सभी प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं।” स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कारों में सूरत को दूसरा स्थान मिला है। इस पर गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह गुजरात के लोगों की जीत है। गुजरात के लोगों ने मिलकर यह उपलब्धि हासिल की है। गुजरात सरकार के जो प्रयास थे और सबसे पहले सूरत के उन सभी लोगों को बधाई देना चाहता हूं, जो दिन-रात काम करते हैं, जो हमारे शहर को साफ रखते हैं। मैं सभी स्वच्छता दूतों का भी आभार व्यक्त करता हूं। मैं उनका आभारी हूं। उनकी कड़ी मेहनत के कारण ही आज गुजरात स्वच्छता सर्वेक्षण में अग्रणी है।” हालांकि, 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में गुजरात का अहमदाबाद शहर पहले स्थान पर रहा है। अहमदाबाद शहर को यह सम्मान स्वच्छता के क्षेत्र में निरंतर प्रयास, स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी के कारण प्राप्त हुआ है। नगर निगम की योजनाएं जैसे कि घर-घर कचरा संग्रहण, कचरे का पृथक्करण और पुनर्चक्रण केंद्रों की स्थापना, शहर को एक आदर्श मॉडल बनाती हैं। –आईएएनएस डीसीएच/एबीएम

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