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बिहार : प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से शेखपुरा की महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर

बिहार के शेखपुरा की महिलाएं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। सरकार का प्रयास महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत कर आत्मनिर्भर बनाना है। इसी क्रम में शेखपुरा नगर परिषद के कमासी गांव की महिलाएं मत्स्य पालन कर रही हैं। इससे प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रूप से लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। गांव की लाभार्थी राजमणि देवी ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की जानकारी मिलने के बाद आवेदन किया था। यह योजना बहुत ही अच्‍छी है, इस योजना का लाभ लेकर आत्‍मनिर्भर हो गई हूं। एक बीघा में फैले तालाब में मत्‍स्‍य पालन कर अपना जीवन चलाती हैं। उन्‍होंने बताया कि वह मछलियों को बिहार से बाहर अन्‍य राज्‍यों में भेजती हैं। सरकार की तरफ से इस योजना के तहत छूट भी मिली है। लाभार्थी राजमणि देवी ने बताया कि उनके पति की मृत्यु 1988 में हो गई थी, जिसके बाद बच्चों को किसी तरह से भरण-पोषण कर बड़ा किया, इस दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस योजना के बारे में जानकारी मिलने के बाद आवेदन किया, जिसका लाभ मिल रहा है। लाभार्थी ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ लेने के लिए लोगों से अपील भी की। लाभार्थी ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) बेरोजगार लोगों के लिए स्‍वर्णिम योजना है। इस योजना का लाभ लेने वाले मेहनत करें तो अच्‍छा मुनाफा अर्जित कर बेहतरीन जीवन जी सकते हैं। पहले खाली पड़ी जमीन पर उपज अच्‍छी नहीं होती थी। ऐसे में उस जमीन में तालाब बनाकर मछली पालन से अच्‍छा रोजगार हो रहा है। जिला मत्स्य पदाधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) से जुड़कर 100 से ज्‍यादा किसान रोजगार कर रहे हैं। इस योजना से मत्‍स्‍य पालन में बढ़ोतरी हुई है। इस योजना से प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रूप से लोगों को रोजगार मिल रहा है। –आईएएनएस एएसएच/एबीएम

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