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ऑस्ट्रेलिया : स्वास्थ्य विभाग ने खसरे को लेकर सिडनी में जारी किया अलर्ट

सिडनी, 20 जून (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में खसरे को लेकर स्वास्थ्य चेतावनी जारी की गई है। बताया जा रहा है कि एक शख्स में खसरे की पुष्टि की गई थी, उसने संक्रमित होने के बावजूद शहर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यात्रा की।
न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) के स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को बताया कि यह संक्रमित व्यक्ति सोमवार को दक्षिण-पूर्व एशिया से सिडनी पहुंचा था, जहां कई देशों में खसरे के मामले सामने आ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने वियतनाम एयरलाइंस की फ्लाइट वीएन 773 में सवार होकर सिडनी पहुंचने वाले यात्रियों को खसरे के लक्षणों पर नजर रखने की सलाह दी है।
साउथ वेस्टर्न सिडनी लोकल हेल्थ डिस्ट्रिक्ट के कार्यवाहक सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक मिशेल स्मिथ ने कहा कि शुरुआती लक्षणों में बुखार, आंखों में दर्द, नाक बहना और खांसी शामिल हैं। इसके बाद कुछ दिनों में चेहरे से शुरू होकर पूरे शरीर में फैलने वाली चकत्ते (रैश) दिखाई देते हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि फ्लाइट में या एयरपोर्ट के उन क्षेत्रों में मौजूद लोगों के लिए 18 दिनों तक लक्षणों पर नजर रखना महत्वपूर्ण है।
ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय रोग निगरानी प्रणाली के अनुसार, 2025 में अब तक 80 खसरे के मामले सामने आए हैं, जबकि 2024 में 57 और 2023 में 26 मामले थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, खसरा एक वायरल बीमारी है। यह तब फैलता है, जब कोई संक्रमित व्यक्ति सांस लेता है, खांसता है या छींकता है। यह गंभीर बीमारी मृत्यु तक का कारण बन सकती है।
खसरा किसी को भी हो सकता है, लेकिन यह बच्चों में सबसे आम है।
खसरा (मीजल्स) श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है और फिर पूरे शरीर में फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, नाक बहना और पूरे शरीर पर चकत्ते (रैश) शामिल हैं।

खसरा किसी को भी हो सकता है, लेकिन यह बच्चों में सबसे आम है।
खसरा (मीजल्स) श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है और फिर पूरे शरीर में फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, नाक बहना और पूरे शरीर पर चकत्ते (रैश) शामिल हैं।
टीकाकरण खसरे से बीमार होने या इसे दूसरों तक फैलाने से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। टीका सुरक्षित है और शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करता है।
1963 में खसरा टीके के शुरू होने और व्यापक टीकाकरण से पहले, लगभग हर दो से तीन साल में बड़े पैमाने पर यह महामारी फैलती थी, जिससे हर साल अनुमानित 26 लाख लोगों की मृत्यु होती थी।
अनुमान है कि 2023 में 1,07,500 लोगों की खसरे से मौत हुई है, जिनमें ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चे शामिल थे।
–आईएएनएस
एफएम/एएस

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