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नाना पटोले सेना से माफी मांगें : ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस नेता के विवादित बयान को लेकर भाजपा भड़की

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने “ऑपरेशन सिंदूर” पर एक बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी नाना पटोले की टिप्पणी को भारतीय सेना का अपमान बता रही है। भाजपा नेता राम कदम ने कहा कि कांग्रेस और नाना पटोले को देश की सेना से हाथ जोड़कर माफी मांगनी होगी।

नाना पटोले के विवादित बयान पर अपने वीडियो संदेश में राम कदम ने कहा, “क्या कांग्रेस के नेताओं की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है? नाना पटोले कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह कह रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर एक वीडियो गेम था। हमारी देश की साहसी फौज का कितना अपमान करेंगे। कम से कम, जिन माता-बहनों ने अपना सिंदूर गंवाया है, उनके बारे में सोचा होता। कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयान हैं, जिनसे पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी खुश हैं।” कांग्रेस नेता को घेरते हुए राम कदम ने कहा कि मां भारती की मिट्टी में रहते हो, यहां का खाते-पीते हो और अप्रत्यक्ष रूप से जयकार पाकिस्तान की करते हो। कांग्रेस और नाना पटोले को देश की सेना से हाथ जोड़कर माफी मांगनी होगी।

कांग्रेस नेता नाना पटोले बुधवार को मीडिया से बात कर रहे थे और इसी दौरान उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” पर विवादित टिप्पणी की। अपने बयान में नाना पटोले ने कहा, “पहलगाम में हमारी 26 बहनों का सिंदूर मिटा दिया गया, लेकिन आज तक आतंकी पकड़े नहीं गए। व्यापार के लिए ऑपरेशन सिंदूर रोका गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कई बार कहा कि उन्होंने दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) को धमकी दी है कि वे (अमेरिका) उनके साथ व्यापार बंद कर देंगे, इसलिए उन्हें युद्धविराम करना चाहिए। उनके इशारे पर ऑपरेशन सिंदूर रोका गया।”

नाना पटोले ने कहा, “विदेश मंत्री ने जो बयान दिया, उससे एक बात स्पष्ट हुई कि पाकिस्तान को बताया गया कि हम कहां-कहां अटैक कर रहे हैं, वहां से लोगों को हटा लो। इसका मतलब है कि कंप्यूटर में जो छोटे बच्चे गेम खेलते हैं, वैसा ही गेम खेला गया है।”

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “हमारी बहनों का सिंदूर मिटाने वाले आतंकवादियों के बारे में पीएम ने क्यों बात नहीं रखी? ये देश के लोगों के लिए एक सवाल है। ममता बनर्जी ने जो कहा वो देश के लोगों के बीच चिंता का कारण है। पीएम बार-बार विदेश जाते हैं, देश के करदाताओं की गाढ़ी कमाई खर्च करते हैं, ऑपरेशन सिंदूर के समय एक भी देश भारत के साथ क्यों नहीं खड़ा था, लोग इस बारे में सोच रहे हैं। हम अभी भी पुलवामा की घटना के बारे में नहीं जानते हैं, जो 2019 में हुई थी।”

–आईएएनएस

डीसीएच/एएस

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