गिरिडीह-धनबाद रोड पर इन दिनों राहगीरों और वाहन चालकों के लिए सबसे बड़ी परेशानी ट्रैफिक या गड्ढे नहीं, बल्कि सड़क किनारे खड़ी युवतियाँ बन गई थीं। मोहनपुर रोड पर जींस-टॉप में खड़ी होकर ये युवतियाँ जबरन वाहन रोकतीं और ₹200 से ₹500 तक की वसूली करती थीं। पैसे न देने पर गाली-गलौज और कभी-कभी हाथापाई तक करने से भी पीछे नहीं हटती थीं। ऐसे ही एक मामले में एक वाहन चालक के साथ मारपीट की पुष्टि के बाद पुलिस ने हरकत में आकर इन पर कार्रवाई की।सदर एसडीपीओ जीतवाहन उरांव के निर्देश पर मुफ्फसिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो, महिला थाना प्रभारी दीपमाला और महिला पुलिस बल ने मिलकर मोहनपुर रोड पर अभियान चलाया। इस अभियान में अहमदाबाद, गुजरात की रहने वाली सभी 22 युवतियों को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने बताया कि ये लड़कियाँ पिछले कुछ दिनों से गिरिडीह के अलग-अलग रास्तों पर इसी तरह की वसूली कर रही थीं। इनकी गतिविधियों को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिनकी पुष्टि के बाद यह त्वरित कार्रवाई की गई।
पुलिस पूछताछ में युवतियों ने खुद को बेहद गरीब बताया और बताया कि वे पहले बोकारो और धनबाद में भी इसी तरह की वसूली कर चुकी हैं। युवतियों ने यह भी बताया कि रोज़मर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए वे झारखंड आई थीं और रास्ते पर खड़े होकर राहगीरों से पैसे मांगती थीं। हालांकि, उनकी गतिविधियाँ महज मांगने तक सीमित नहीं थीं, बल्कि ज़बरदस्ती और बदसलूकी के मामले भी सामने आए, जिससे आम लोगों में डर और नाराजगी का माहौल बन गया था।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अहमदाबाद पुलिस के सहयोग से इन युवतियों के परिजनों से संपर्क किया। परिजनों ने अनुरोध किया कि लड़कियाँ अब दोबारा झारखंड नहीं आएंगी और इस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं होंगी। परिजनों के आश्वासन और भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने के वादे के बाद पुलिस ने सभी 22 युवतियों को पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया। गिरिडीह पुलिस ने यह भी साफ किया है कि अगर भविष्य में कोई इस तरह की हरकत करते पाया गया, तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।



