गिरिडीह ज़िला परिषद की बैठक में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ, जब पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता ने जिप सदस्यों से तू-तड़ाक करते हुए साफ कह दिया कि वो किसी की बात नहीं सुनेंगे। पाँच महीने बाद हुई बैठक में ना केवल अधिकारी बेपरवाह दिखे, बल्कि ज़िप अध्यक्ष मुनिया देवी भी भावुक होकर कह बैठीं, “अब सरकार हमारी नहीं है
हम क्या कर सकते हैं?” बैठक में शामिल कई सदस्यों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों के अहंकार और अनदेखी के चलते जनता के लिए स्वीकृत चापाकलों का काम तक शुरू नहीं हुआ। इस बंद कमरे की बैठक ने एक बार फिर दिखा दिया कि जब सरकार बदलती है, तो ज़मीनी स्तर पर जवाबदेही भी दम तोड़ देती है।



