झारखंड के शराब घोटाले में गिरफ्तार IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे की सेहत को लेकर हाल ही में आई रिपोर्ट ने सभी को हैरान कर दिया है। गिरफ्तारी के बाद उनकी तबीयत लगातार खराब होने लगी और 22 मई को उन्हें रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। तब से उनकी जांच-पड़ताल जारी है। अब हाल ही में आई उनकी मेडिकल रिपोर्ट में किडनी फंक्शन से जुड़ी गंभीर गड़बड़ी सामने आई है, जिसने उनकी सेहत को और जटिल बना दिया है। इस गंभीर स्थिति के चलते जेल प्रशासन ने विशेष अनुमति देते हुए उनके घर का बना खाना खाने की सुविधा भी उपलब्ध कराई है, ताकि उनकी डाइट पूरी तरह से उनकी बीमारी के मुताबिक हो।
जानकारी के अनुसार, एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 20 मई को विनय चौबे को गिरफ्तार किया था। शुरू में पूछताछ के लिए उन्हें उनके घर से दफ्तर लाया गया, जहां कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तारी हुई। गिरफ्तारी के बाद से ही उनकी सेहत में लगातार गिरावट देखी जा रही है। हाई ब्लड प्रेशर के साथ-साथ किडनी की समस्या ने उनकी हालत को गंभीर बना दिया है। ऐसे में डॉक्टरों ने तुरंत उनका अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू किया। विनय चौबे की हालत की गंभीरता को देखते हुए रिम्स ने एक विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम गठित की है, जो उनकी पूरी देखभाल कर रही है।
रिम्स अस्पताल में बने नेफ्रोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. प्रज्ञा पंत घोष ने विनय चौबे की जांच रिपोर्ट का बारीकी से विश्लेषण किया। उनकी टीम ने ब्लड और यूरिन के सैंपल जांच के लिए भेजे, जिनकी रिपोर्ट शनिवार सुबह आई। रिपोर्ट में किडनी फंक्शन में गड़बड़ी स्पष्ट रूप से देखी गई है। इसी आधार पर डॉ. प्रज्ञा पंत ने विनय चौबे को पहले दी गई दवाओं का सेवन जारी रखने की सलाह दी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगे के इलाज के लिए नियमित जांचों के आधार पर दवाओं में बदलाव किया जाएगा, जिससे उनकी सेहत में सुधार लाया जा सके।
विनय चौबे की देखरेख के लिए रिम्स अस्पताल ने पांच डॉक्टरों की विशेष टीम बनाई है। इस टीम में मेडिसिन विभाग से डॉ. ऋषि तुहिन गुड़िया और डॉ. अजीत डुंगडुंग, नेफ्रोलॉजी विभाग से डॉ. प्रज्ञा पंत घोष, और कार्डियोलॉजी विभाग से डॉ. मृणाल कुंज शामिल हैं। इस विशेषज्ञ टीम का मुख्य उद्देश्य विनय चौबे की बिगड़ी स्वास्थ्य स्थिति को सुधारना और उनकी देखभाल में कोई भी कमी न रह जाए। डॉक्टरों ने कड़ी निगरानी के साथ उनके स्वास्थ्य के हर पहलू की जांच कर रहे हैं ताकि समय रहते उचित इलाज हो सके।
झारखंड में इस बड़े शराब घोटाले की जांच अब और भी पेचीदा हो गई है क्योंकि IAS अधिकारी विनय चौबे की सेहत ने जांच प्रक्रिया को प्रभावित किया है। उनकी बिगड़ी सेहत के कारण जांच के कई पहलू धीमे पड़े हैं। इस पूरे मामले में अब यह देखना बाकी है कि क्या उनकी गंभीर स्थिति के बावजूद जांच पूरी निष्पक्षता और तेजी से आगे बढ़ेगी या नहीं।



