झारखंड सरकार ने राज्य में शराब की खुदरा बिक्री को लेकर बड़ी घोषणा की है। अब शराब की खुदरा बिक्री निजी हाथों में होगी, जबकि होलसेल बिक्री का नियंत्रण सरकार के पास रहेगा। इसके लिए मंत्रिपरिषद ने ‘झारखंड उत्पाद (शराब की खुदरा बिक्री के लिए दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली 2025’ को मंजूरी दे दी है। नई नीति के तहत खुदरा दुकानों का संचालन निजी व्यापारी कर सकेंगे, जबकि झारखंड राज्य बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड अब सिर्फ होलसेल का काम देखेगा। यह नियमावली एक महीने के भीतर लागू कर दी जाएगी।
नई नीति के मुताबिक, शराब दुकानों का आवंटन लॉटरी प्रणाली के जरिए किया जाएगा ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। एक व्यक्ति को एक जिले में अधिकतम 12 दुकानें और पूरे राज्य में अधिकतम 36 दुकानें आवंटित की जा सकेंगी। एक जिले में चार ग्रुप की दुकानें आवंटित की जा सकती हैं, और प्रत्येक ग्रुप में 1 से 3 दुकानें होंगी। राज्य की प्रधान सचिव वंदना दादेल का कहना है कि इस व्यवस्था से शराब व्यापार में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे राज्य को अधिक राजस्व मिलने की संभावना है।
वर्तमान में राज्य में कुल 1453 शराब दुकानें हैं, जिनका पुनः आवंटन अब लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। उत्पाद सचिव मनोज कुमार ने जानकारी दी कि अब तक खुदरा और होलसेल दोनों बिक्री राज्य बेवरेज कॉरपोरेशन द्वारा की जा रही थी, लेकिन नए नियम के लागू होने से खुदरा बिक्री में निजी व्यापारियों की भागीदारी बढ़ेगी। इससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि और स्थानीय व्यापार को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
इसके अलावा, गुरुवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कुल 17 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसमें एक अहम फैसला यह भी है कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। वहीं, फैक्ट्री संशोधन अधिनियम में बदलाव कर कर्मचारियों को तीन माह में 75 घंटे की बजाय 125 घंटे ओवरटाइम की अनुमति दी गई है। एनसीसी कैडेट्स के लिए भोजन भत्ता भी बढ़ाकर 150 से 220 रुपये कर दिया गया है। सरकार के इन कदमों को जनहित में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।



