सोचिए, आप महीने की शुरुआत में एटीएम की कतार में खड़े हैं, जैसे हर बार खड़े होते हैं। लेकिन इस बार कुछ बदला हुआ है। जैसे ही आप कैश निकालते हैं, आपके मोबाइल पर मैसेज आता है – “आपके अकाउंट से ₹21.50 कट गए!” जी हां, अब सिर्फ पैसे ही नहीं, हर बार एक अतिरिक्त शुल्क भी कटेगा। भारत में करोड़ों लोग एटीएम का उपयोग करते हैं, और अब उन सबकी जेब पर सीधा असर पड़ने वाला है। ये कोई अफवाह नहीं, बल्कि एक आधिकारिक बदलाव है — जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने खुद मंजूरी दी है।
ATM से पैसा निकालना अब केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि एक महंगा सौदा बन जाएगा। RBI ने नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है, जिसमें ATM इंटरचेंज फीस को बढ़ाया गया है। वर्तमान में जहां ₹17–₹20 प्रति ट्रांजैक्शन लिया जाता है, वहीं 1 मई से यह शुल्क ₹21.50 तक हो सकता है। यह नया नियम उन सभी बैंकों पर लागू होगा जिनके ग्राहक दूसरे बैंक के एटीएम से कैश निकालते हैं। यानी अब ‘कहीं से भी पैसे निकालो’ की सुविधा पर शुल्क का बोझ भी उठाना होगा।
ATM इंटरचेंज फीस वो रकम है, जो एक बैंक, दूसरे बैंक के एटीएम का उपयोग करने पर वसूलता है। उदाहरण के लिए, अगर आप SBI के ग्राहक हैं और ICICI बैंक के एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो SBI को ICICI को फीस चुकानी पड़ती है — और अब यही फीस बढ़ा दी गई है। नतीजतन, बैंक यह बढ़ी हुई लागत अपने ग्राहकों पर डालेंगे, जिससे हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन महंगा पड़ेगा। इसका सबसे ज्यादा असर ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों के उन लोगों पर पड़ेगा जो पास में उपलब्ध किसी भी बैंक के एटीएम से लेन-देन करते हैं।



