जरा सोचिए… आप ट्रेन में लंबा सफर कर रहे हैं, अचानक किसी इमरजेंसी में पैसों की ज़रूरत पड़ जाए और अगला स्टेशन दो घंटे दूर हो! ऐसे में क्या आप भी सोचते हैं कि काश ट्रेन में ही कोई एटीएम होता? तो जनाब, अब ये ख्वाब हकीकत बन चुका है। भारत में पहली बार एक ऐसी ट्रेन चलाई जा रही है, जिसमें बैठे-बैठे आप पैसे निकाल सकते हैं। न स्टेशन पर उतरने की ज़रूरत, न लाइन में लगने की टेंशन… ये है भारत का पहला चलता-फिरता ATM—जो अब पंचवटी एक्सप्रेस में यात्रियों की सेवा में हाज़िर है।
महाराष्ट्र के नासिक और मुंबई के बीच दौड़ने वाली पंचवटी एक्सप्रेस में अब एटीएम की सुविधा शुरू कर दी गई है। इस हाई-टेक प्रयोग के तहत, एसी कोच में एक एटीएम किओस्क लगाया गया है, जो न सिर्फ कैश विदड्रॉल, बल्कि चेकबुक ऑर्डर और बैंक स्टेटमेंट जैसी सेवाएं भी देगा। रेलवे के भुसावल डिवीजन और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सहयोग से इसे शुरू किया गया है। शुरुआत में इसका ट्रायल किया गया, और जब ट्रायल सफल रहा, तब इसे यात्रियों के लिए औपचारिक रूप से शुरू कर दिया गया। इसे फास्ट कैश एक्सप्रेस का नाम भी दिया जा रहा है, जो इस सुविधा की तीव्रता और उपयोगिता को दर्शाता है।
अब सवाल ये उठता है—चलती ट्रेन में लगे ATM की सुरक्षा कैसे होगी? रेलवे और बैंक दोनों ने इस पहल को लेकर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया है। ATM किओस्क को विशेष लॉक सिस्टम से सुरक्षित किया गया है और पूरे कोच में CCTV निगरानी की व्यवस्था की गई है। साथ ही ATM की लोकेशन वेस्टिब्यूल में रखी गई है, यानी डिब्बों के बीच के उस हिस्से में, जहां से यात्रियों की आवाजाही कम होती है लेकिन पहुंच आसान रहती है। इससे न सिर्फ सिक्योरिटी बढ़ती है, बल्कि सहूलियत भी बनी रहती है।
इस कदम को भविष्य में और भी ट्रेनों में लागू करने की योजना बनाई जा रही है। यदि पंचवटी एक्सप्रेस में यह सुविधा यात्रियों को पसंद आती है और सफल रहती है, तो आने वाले समय में भारत की प्रमुख ट्रेनों में भी ऐसे एटीएम देखने को मिल सकते हैं। यह व्यवस्था उन यात्रियों के लिए खासतौर पर लाभदायक होगी जो दूरदराज के इलाकों से आते हैं, जहां स्टेशन पर बैंकिंग सुविधाएं सीमित हैं। अब उन्हें ट्रेन से उतरकर पैसे निकालने के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी।



