गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड के बरोटोला गांव में तीन दिवसीय गायत्री महायज्ञ की शुरुआत कलश यात्रा के साथ हुई, जिसमें सैकड़ों महिलाओं और ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यमुना नदी से जल भरकर श्रद्धालु डीजे बाजे के साथ झूमते हुए यज्ञ स्थल तक पहुंचे, जहां गायत्री परिवार के सदस्यों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। कार्यक्रम के दौरान गायत्री ट्रस्ट गिरिडीह के प्रबंधक कामेश्वर सिंह ने गायत्री महामंत्र की महिमा बताते हुए कहा कि इसकी साधना से चिंतन, चरित्र और व्यवहार श्रेष्ठ बनता है तथा यह किसी भी जाति-धर्म के भेदभाव से परे है।
महायज्ञ के आयोजन समिति के अध्यक्ष भीखन महतो, सचिव बीजू वर्मा और उप सचिव रामकिशन प्रसाद वर्मा ने बताया कि शांतिकुंज हरिद्वार से आए संतों द्वारा प्रतिदिन प्रवचन और भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है। इस धार्मिक आयोजन में गायत्री परिवार के उर्मिला वर्णमाला, सहदेव प्रसाद कुशवाहा, उमा गुप्ता, सरयू यादव, अर्चना देवी, लीलावती देवी सहित कई श्रद्धालु सेवा में उपस्थित रहे। यह महायज्ञ सामाजिक और आध्यात्मिक upliftment के साथ शांति और सद्भाव का संदेश दे रहा है।



