गिरिडीह : तिरंगा चौक स्थित गायत्री शक्तिपीठ में चल रहे 24 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन भक्तिभाव का अद्भुत नजारा देखने को मिला। गुरु वंदना और गणेश पूजन के बाद 33 कोटी देवी-देवताओं का वैदिक मंत्रोच्चार से आह्वान किया गया। यज्ञशाला में एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने गायत्री महामंत्र और महामृत्युंजय मंत्र से आहुति अर्पित कर सबके उज्ज्वल भविष्य और कल्याण की प्रार्थना की।
शांतिकुंज से आए यज्ञाचार्य बालक राम रत्न मूल ने यज्ञ का महत्व बताते हुए कहा कि यह न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है बल्कि स्वास्थ्य, पर्यावरण और समाज के लिए भी कल्याणकारी होता है। इस दौरान 50 से अधिक संस्कार जैसे दीक्षा, पुंसवन और विद्यारंभ भी संपन्न हुए। कार्यक्रम को सफल बनाने में गायत्री परिवार के सैकड़ों सदस्यों ने सहयोग दिया।



