गिरिडीह : अलग राज्य झारखंड निर्माण की मांग को लेकर हुए आंदोलन में बगोदर प्रखंड क्षेत्र के कई नेताओं की सहभागिता रही है। इसमें कुछ की मौत हो गई तो कुछ आज भी जीवित हैं। बगोदर के मुंडरो के रहने वाले गिरधारी महतो का भी नाम प्रमुख आंदोलनकारियों में एक है। हालांकि वे अब इस दुनिया में नहीं रहे मगर पुण्यतिथि के मौके पर सैकड़ों लोगों के द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। झारखंड आंदोलनकारी गिरधारी महतो की मौत भी आज से 15 साल पूर्व 2009 में उस समय हार्ट अटैक से हो गई थी जब तमाड़ उप चुनाव का परिणाम 9 जनवरी को आया और चुनाव लड़ रहे झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की हार होने की इन्हें सूचना मिली। सूचना मिलते हीं वे सदमे में आ गए थे और फिर हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी। बताया जाता है कि शिबू सोरेन के वे काफी नजदीकी थे। आज 9 जनवरी को उनकी 16 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री बेबी देवी बतौर मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित थीं। स्व गिरधारी महतो स्मारक समिति और झामुमो प्रखंड कमेटी बगोदर के द्वारा उनके पैतृक गांव मुंडरो में पुण्यतिथि कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस मौके पर असहायों के बीच शॉल का वितरण किया गया। अंगवस्त्र देकर अतिथियों का स्वागत किया गया। बगोदर स्थित पार्टी कार्यालय में उनकी फोटो पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई। तत्पश्चात यहां से रैली की शक्ल में बाइक व चार पहिए वाहनों के काफिले के साथ उनके पैतृक गांव मुंडरो पहुंचकर वहां स्थित उनकी आदमकद प्रतिमा पर भी पुष्पांजली अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। झामुमो के प्रखंड प्रवक्ता सह मुखिया बंधन महतो ने बताया कि स्व गिरधारी महतो पूरे जीवन समाज हित में गुजार दिए। उन्होंने महाजनी प्रथा, बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसे सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। साथ हीं शिक्षा के लिए लोगों को जागरूक किया था। बताया कि राजनीतिक और सामाजिक जीवन के दौरान उन्होंने एक बार बगोदर विस से चुनाव भी लड़ा था एवं आंदोलन के दौरान कई बार जेल भी गए थे।



