पॉपकॉर्न ना बाबा ना, अब न खायी जाएगी पॉपकॉर्न। जी हाँ अब पॉपकॉर्न खाना आम आदमी को भारी पड़ने वाला है क्योंकि राजस्थान के जैसलमेर में हुई जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में पॉपकॉर्न पर भी नए टैक्स स्लैब लागू किए गए। साधारण नमक-मसालों वाला अनपैकेज्ड पॉपकॉर्न अब 5% जीएसटी के दायरे में होगा, जबकि पैकेज्ड और लेबल्ड पॉपकॉर्न पर टैक्स बढ़कर 12% हो जाएगा। यह कदम बढ़ते पॉपकॉर्न बाजार पर सरकार की नजर का संकेत है, जो आने वाले समय में ग्राहकों की जेब पर भारी पड़ सकता है।
इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की हालिया घोषणाओं ने टैक्स को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। नई कार खरीदने और उसे बेचने पर टैक्स की जटिल प्रक्रिया को समझाते हुए उन्होंने बताया कि खरीद और बिक्री मूल्य के अंतर पर 18% जीएसटी लगाया जाएगा। जैसे, अगर आपने 2014 में 6 लाख रुपये में कार खरीदी और 2024 में 1 लाख रुपये में बेची, तो 5 लाख रुपये के नुकसान पर भी 18% टैक्स यानी 90,000 रुपये देना होगा। लेकिन, यह नियम केवल रजिस्टर्ड वेंडर्स या प्लेटफॉर्म्स पर लागू होगा, जिससे सरकार का रेवेन्यू बढ़ाने की योजना है।



