गिरिडीह : राज्य में चौकीदार के पदों की बहाली प्रक्रिया जारी है लेकिन यह चिंता जनक है कि एससी (अनुसूचित जाति) समुदाय के लिए एक भी पद रिक्त नहीं है। झारखंड में अनुसूचित जातियों की आबादी लगभग 12 से 15 प्रतिशत है, फिर भी उन्हें इस बहाली में कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।बहाली प्रक्रिया का आकलनजबकि झारखंड राज्य भर में चौकीदार की बहाली प्रक्रिया चल रही है, यह स्पष्ट है कि एससी समुदाय को नजरअंदाज किया जा रहा है। कई जानकारों का कहना है कि पहले चौकीदार की बहाली में दलित समुदाय को प्राथमिकता दी जाती थी, लेकिन हाल के वर्षों में ऐसा लग रहा है कि विशेष कानूनों या नीतियों के कारण एससी समुदाय को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। सामाजिक और आर्थिक प्रभावइस स्थिति का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव बहुत गहरा है। बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे एससी समुदाय के युवाओं के लिए चौकीदार की नौकरी एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकती थी। इसलिए, इस समुदाय के लिए विशेष सीटों का आवंटन न केवल उनके अधिकारों के लिए आवश्यक है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए भी आवश्यक है। सरकार और विभाग से अपीलसमाज के बुद्धिजीवियों की मांग है कि सरकार और संबंधित विभाग इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लें और एससी समुदाय के लिए विशेष सीटें जोड़कर पुनः बहाली प्रक्रिया शुरू करें। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो यह न केवल सामाजिक न्याय को छिन्न-भिन्न करेगा बल्कि विभिन्न समुदायों के बीच असंतोष और तनाव को भी बढ़ा सकता है।



