जब दिन के उजाले में अंधेरे की तरह खौफनाक वारदातें हों, तो सवाल सिर्फ कानून व्यवस्था का नहीं होता — सवाल होता है, ‘हिम्मत इतनी कैसे बढ़ी?’ रविवार को गिरिडीह के सीसीएल एरिया स्थित सीपी साइडिंग में कुछ ऐसा ही हुआ, जिसे देखकर हर जागरूक नागरिक का खून खौल जाए। कोयला चोरी की वारदात अब रातों तक सीमित नहीं, बल्कि अब तो दोपहर की धूप में अपराधी सीना तानकर लूट और हमला कर रहे हैं। और इससे भी बड़ी बात—इस हमले का शिकार बने वे कर्मचारी, जो देश के ऊर्जा तंत्र की रीढ़ हैं।
सीपी साइडिंग, गिरिडीह — रविवार, दोपहर का वक्त। अचानक दर्जनों चोर साइडिंग के भीतर घुस आते हैं और शुरू हो जाती है खुलेआम कोयले की लूट। जब वहां ड्यूटी पर तैनात लोडिंग इंस्पेक्टर अमित कुमार यादव, टेक्निकल इंस्पेक्टर मनीष कुमार, तस्लीम अख्तर, मनोज कुमार और महिला होमगार्ड शकुंतला व प्रीति ने विरोध किया, तो इन पर हमला बोल दिया गया। तस्लीम अख्तर को जमीन पर पटककर पीटा गया, महिला होमगार्ड्स के साथ अश्लील व्यवहार किया गया और मोबाइल फोन तक तोड़ डाले गए।
इस हमले में शामिल एक युवक ने खुद को ‘स्पेशल ब्रांच का अधिकारी’ बताया और फोन कर अन्य ग्रामीणों को बुला लिया। अचानक भीड़ जमा हुई और हमला तेज हो गया। CCL प्रबंधन ने फौरन घटना की सूचना GM और Project Officer को दी। लेकिन जब तक मुफस्सिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो की टीम मौके पर पहुंची, हमलावर फरार हो चुके थे। पुलिस ने मौके से पीड़ितों के बयान दर्ज किए हैं और FIR की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
थाना प्रभारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दो विशेष टीमों का गठन किया है, जो संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अगर दिनदहाड़े दर्जनों अपराधी CCL साइडिंग में घुसकर हमला कर सकते हैं, तो क्या सुरक्षा तंत्र पूरी तरह फेल हो चुका है? ऐसी घटनाएं यह बताती हैं कि सुरक्षा केवल कागजों में है, जमीन पर नहीं। और जब महिलाएं तक सुरक्षित न हों, तो सरकार और प्रशासन को जवाब देना होगा।



